कानपुर में बड़ा प्रशासनिक टकराव! पुलिस और राज्य महिला आयोग की सदस्य आमने-सामने; हद में रहने की नसीहत तक दे डाली

Police Station Inspection In Kanpur

Police Station Inspection In Kanpur

कानपुर: Police Station Inspection In Kanpur: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता और पुलिस की तकरार इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है. मामला एक थाने के निरीक्षण से जुड़ा है. अनीता गुप्ता को पुलिस की ओर से एक पत्र भेजा गया है, इसमें थाने के निरीक्षण को लेकर उनके अधिकारों के बारे में सुझाव दिया गया है. वहीं, पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जानकारी न होने की बात कही है. उन्होंने इस बारे में विभागीय स्पष्टीकरण लेने की बात कही थी. वहीं, अनीता गुप्ता ने इस पूरे मामले की शिकायत महिला आयोग की अध्यक्ष से की है. वहीं कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा कि गलतफहमी हो गई थी जिसे दूर करने का प्रयास किया गया है.

ये था पूरा मामला: पूरा मामला बर्रा थाने के निरीक्षण से जुड़ा है. बीती 22 नवंबर को राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता ने बर्रा थाने का निरीक्षण किया था. अनीता गुप्ता का कहना है कि इसके बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त विनोद कुमार सिंह ने उन्हें एक नोटिस भेजा.

इसमें लिखा है कि कानूनी प्रावधानों एवं निर्धारित क्षेत्राधिकारों के अनुसार राज्य महिला आयोग के सदस्यों को पुलिस थानों का सीधे निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है. ऐसे निरीक्षण से दैनिक पुलिस कार्य में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न होता है. पुलिस विभाग के कार्य व्यवस्था एवं आंतरिक कार्य प्रणाली से संबंधित निरीक्षण कार्य आपके क्षेत्राधिकार में सम्मिलित नहीं है.

अनीता गुप्ता ने कही ये बात: उन्होंने नोटिस के जरिए अभद्र भाषा के उपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में अपनी नाराजगी जताई है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि वह मुझे नोटिस देने के लिए अधिकृत ही नहीं हैं. नोटिस मिलने के बाद आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान को इसकी जानकारी दे दी है. इस मामले में उन्होंने आयोग स्तर पर कार्यवाही करने की बात कही है.

कमिश्नर क्या बोले: इस पूरे मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल का कहना है कि उन्हें पत्र के बारे में कुछ दिन पहले ही पता चला था. पत्र में अपेक्षित शिष्टाचार नहीं था. उन्होंने कहा कि पत्र मेरे संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया इस बारे में स्पष्टीकरण लिया जाएगा. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को यह निर्देश दिए है कि भविष्य में ऐसे पत्राचार की जानकारी उनके संज्ञान में जरूर लाई जाए. पत्राचार की भाषा विनम्र होनी चाहिए.

आगे कमिश्नर ने कहा कि उनकी महिला आयोग की सदस्य से बात हुई है, वह कुछ समस्या लेकर थाने गई थीं. ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर से भी बात हो गई है दोनों पक्षों में गलतफहमी थी, जिसे दूर करने का प्रयास किया गया है.